देवदास- पहला पाठ

शरतचंद्र की रची उपन्यास देवदास बहुत ही रोमांचक है। इस उपन्यास में कई सारे पात्र  हैं परंतु मुख्य पात्र पार्वती एवं स्वयं देवदास है। उपन्यास की शुरुआत में ही लेखक ने देवदास के सारे अवगुणों का वर्णन किया है- वह अनुशासनहीन है, हिंसक है, हुक्का पीता है और उसका पढ़ने-लिखने में कोई मन नहीं है। दूसरी ओर वह पार्वती के किसी भी अवगुन को नहीं दर्शाते। वह सिर्फ़ पार्वती के गुणों का वर्णन करते है, जैसे की- वह स्पष्टवक़्ता है, साहसी है, उसका विश्वास अडिग है, वह निडर है एवं वह प्यार को एक पवित्र एहसास मानती है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, लेखक पत्र शैली का इस्तेमाल करके कहानी को रोचक बनाते हैं।

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