शरतचंद्र की रची उपन्यास देवदास बहुत ही रोमांचक है। इस उपन्यास में कई सारे पात्र हैं परंतु मुख्य पात्र पार्वती एवं स्वयं देवदास है। उपन्यास की शुरुआत में ही लेखक ने देवदास के सारे अवगुणों का वर्णन किया है- वह अनुशासनहीन है, हिंसक है, हुक्का पीता है और उसका पढ़ने-लिखने में कोई मन नहीं है। दूसरी ओर वह पार्वती के किसी भी अवगुन को नहीं दर्शाते। वह सिर्फ़ पार्वती के गुणों का वर्णन करते है, जैसे की- वह स्पष्टवक़्ता है, साहसी है, उसका विश्वास अडिग है, वह निडर है एवं वह प्यार को एक पवित्र एहसास मानती है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, लेखक पत्र शैली का इस्तेमाल करके कहानी को रोचक बनाते हैं।
Sidebar
Archives
- February 2022
- December 2021
- November 2021
- October 2021
- September 2021
- August 2021
- June 2021
- May 2021
- April 2021
- February 2021
- January 2021
- December 2020
- November 2020
- October 2020
- September 2020
- August 2020
- June 2020
- May 2020
- April 2020
- January 2020
- September 2019
- August 2019
- June 2019
- May 2019
- April 2019
- March 2019
- February 2019
- December 2018
- November 2018
- October 2018
- September 2018
- August 2018