आपका बंटी (chapter 1 to 4)

मानो भंडारी इस उपन्यास की लेखक है जो की अभी गुजरी है। क्लास में हमने उसको याद करने के लिए 2-3 min याद किया।

आपका बंटी एकल परिवारों में पति-पत्नी के बीच अहम (ego ) की लराई में फँसे हुए एक बच्चे के मन का चित्रण सरल से करता है। यह आधुनिक समाज की नई समस्या है जहा पति-पति अपनी स्वतंत्रता के विशे में सोचते है, और बच्चों के परवरिश को नज़र अन्दाज़ को कर देते है। बंटी माता पिता के अहंकार में फँसा उनका प्यार पाने के लिए बाएचन है। यह एक उछ माध्यम वर्ग की भयानक समस्या है। परम्परा और संबंधो को लेकर इस वर्ग मैं अक्सर अशांति बनी रहती है। बंटी यह पर “pendulum” के भती इधर उधर लटकता हुआ दिखाय पड़ता है।

शकुन और अजय तमाम कोशिशों के बगजद भी एक नहीं हो पाते है। अजय अपनी दबंग पत्नी को अपना नहीं पता। शकुन अजस्ट करने की कोशिश करती है। शकुन अजस्ट करने की पूरी कोशिश करती है लेकिन मानसिक स्थर पर वह फिर भी उससे दूर ही रहती है।

बंटी सात आठ साल का प्रतिभा शाली बच्चा है। वह अपने माता पिता दोनो से ही प्यार करना चाहता है। दोनो के साथ ही रहना चटा है। अपनी लराई मैं अकेला बंटी बहुत सारी प्रश्नो के ऊथर का कोशिश करता है।

वकील चाचा बंटी के माता पिता के बीच समझोत करना चाटे थे। शकुन के पास दो रास्ते है घुटन एंड टूठन। वकील चाचा कहते है की तुम बंटी पर बहुत निर्भर करते है।

फूफी शकुन के घर में कह करने वाली अंधेर मलिहा है, जो बंटी को अपने बचे के तरह पलटी है। इस उपन्यास की भाषा बच्चों के बशा जैसे लिखी है।

जूठन

 

जूठन पड़ते-पड़ते में भारत के जाती प्रथा  के बारे में सिख रही हूँ। फले मुझे इतना ही पता था की नीचे जाती लोगों का अपमान होता था। ओमप्रकाश वाल्मीकि के दृष्टिकोण के माध्यम से मुझे चूहड़े जाती का ___ट्रीटमेंट__ दिख रहा है। समाज में किस तरह ये अन्याय हो रहे थे औरे कैसे वे बदल rhe है। ओमप्रकाश वाल्मीकि विध्यालय जा पा रहा थे लेकिन हेडमस्तेर उनसे ज़रू पोछा करवाता था। ओमप्रकाश जी बच्चा ही था लेकिन उपर जाती के लोग उन्हें “चूहड़े” बुलाते थे। झूठा खाना मिलता था, बिना पैसे के लिए काम कारवेते थे।

 

ओमप्रकाश वाल्मीकि जी और उनके माता पिता समाज के अपमानो का इनकार करते है। पिता वाल्मीकि जो को चिदयालय से निकल देते है और उन्हें सिर्फ़ विद्यालय में पदाई के लिए ही वापिस भेजता है। माता जी झूट खाना घर लेजने के लिए इनकार करती है। ओमप्रकाश वाल्मीकि जी दिखाते हे की समाज में बदलाव कैसे आ रहा है। वो यह भी दिखाते है की उपर जाती नीचे जतो का निरादर करते है, जैसे की शादी के बारात में नीचे जाती के लोग सबके घर जाके उनको सलाम करते है। 

 

बेकार काम, जिस के लिए पैसे नहि मिलता है वे गरीब लोग गो गरीब रखने के लिए है। अगर विद्यालय में ठीक से पद नहीं सकते, बेकार काम करवाते है, तो गरीब लोग समाज में बर नहीं पेंगे।

सूरज का सातवाँ घोड़ा

सत्ती :

  • अनाथ
  • शक्तिशाली : अगर कोई उससे ऊटपटाँग तरह से बात करे तब वे चाकू निकलती है।
  • ख़ूबसरत
  • मेहनती: अपने साबुन का काम महंत से करती है

जमुना:

  • माध्यम वर्ग
  • चतुर: माँ  होने के लिए और समाज में अपने आप खड़े होने के लिया बहुत महंत करती है और चतुर है।
  • ख़ूबसरत
  • बहादुर/साहसी : तानना से शादी करने के लिए माँ से लड़ाई किया।

लिली :

  • आमिर घर
  • दूसरे की बात सुनती है।
  • सकारात्मक सोच: मुल्ला के बात सुन के शादी कर लिया।
  • ख़ूबसरत