आपका बंटी- मनु भंडारी

अध्याय १-४:

मनु भंडारी का जनम ३ अप्रैल १९३१ में मध्य प्रदेश के मंडसोर में हुआ था। इनके प्रमुख कार्य एक पलते सैलाब एवं यही सच है हैं। इन्होंने तीन उपन्यास लिखे हैं: आपका बंटी, एक इंच मुस्कान, और महाभोज। इनका देहांत १५ नवम्बर २०१५ में हुआ था। इनके देहांत की ख़बर सुनकर हमने अपनी कक्षा में इन्हें याद किया था।

आपका बंटी एकल (नूक्लीअर फ़ैमिली) परिवारों में पति पत्नी के बीच अहम (ईगो) की लड़ाई में फँसे हुए एक बच्चे के मन का चित्रण सरलता से करता है। यह आधुनिक समाज की नयी समस्या है जहाँ पति पत्नी सिर्फ़ अपनी स्वतंत्रता के विषय में सोचते हैं, और बच्चों की परवरिश को नज़रंदाज कर देते हैं। बंटी माता पिता के अहंकार में फँसा उनका प्यार पाने के लिए बेचैन है । यह एक उच्च-मध्यम वर्ग की भयानक समस्या है। परम्परा और सम्बन्धों को लेकर इस वर्ग में अधिकतर अक्सर अशांति बनी रहती है। बंटी यहाँ पर पेंडुलम के भाती इधर उधर लटकता हुआ दिखाई पड़ता है: कभी पापा के पास, कभी ममी के पास।

शकुन और अजय तमाम कोशिहों के बावजूद भी एक नहीं हो पाते। अजय अपनी दबंग पत्नी को अपना नहीं पता। शकुन अजस्ट करने की पूरी कोशिश करती है लेकिन मानसिक स्थर पर वह फिर भी उससे दूर ही रहती है।

बंटी सात-आठ साल का एक प्रतिभाशाली बच्चा है। वह अपने माता-पिता दोनो से ही प्यार करता है और दोनो के साथ ही रहना चाहता है। अपनी लड़ाई में अकेला बंटी बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर ढूँढने की कोशिश करता है।

वक़ील चाचा बंटी के पापा और ममी के बीच समझोता कराना चाहते थे। शकुन के पास दो रास्ते हैं- घुटन और टूटन । वक़ील चाचा शकुन से कहते हैं की तुम बंटी पर बहुत निर्भर करती हो।

फूफी शकुन के घर में काम करनेवाली अधेड़ महिला है जो बंटी को अपने बाँचे की तरह पालती है।

यह उपन्यास सरल और सहेज भाषा में लिखी गयी है। इसमें बाल मनोविश्लेश्नात्मंक शैली में लिखी गयी है। इसमें बच्चों जैसी बातें एवं प्रश्न हैं।

 

 

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