चेरी के बगीचा में, जिसे आंतोन चेखव द्वारा लिखा गया है, मुख्य विषय सामाजिक प्रगति है। पुस्तक में मुख्य समस्या यह है कि चेरी के बगीचे की मालिक, जो कि रेनविस्काया है, उसे बेचना नहीं चाहती क्योंकि यह बगीचा उसके बचपन से जुड़ा है और वह इन यादों को जाने नहीं देना चाहती। इस नाटक में चेरी के बगीचा उस समय में एक व्यक्ति की शक्ति का प्रतीक था। जितनी बड़ी भूमि आपके पास होती थी, अपने आसपास के लोगों से अधिक शक्ति और सम्मान का प्रतीक थी। इस पुस्तक का भी बहुत नाटकीय अंत हुआ था जिसमें नीलामी के लिए बाग़. लगाने के बाद अपने पुराने नौकर फिरस को वही छोड देते है । इस भाग ने धनवान लोगों के अहंकार और सामाजिक व्यवस्था में नौकर लोगों को नीचा दिखाया और कैसे उन्होंने उनकी देखभाल नहीं की, शिथि में उतना सुधार नहीं आया हए । इस पुस्तक के लेखक एंथोइन चेखव ने पाठक को किताब के विषय और कहानी के पात्रों और कथानक के माध्यम से बताने की कोशिश करी है और संदेश पर जोर देने के लिए साहित्यिक उपकरणों और लेखन की विभिन्न शैलियों का भरपूर उपयोग किया। यह पुस्तक उस समय के समाज के बारे में एक महान प्रतिनिधित्व है और लोगों के मूल्यों और विश्वासों के बारे में बहुत कुछ बताती है। यह इस पीढ़ी के लोगों को पिछली पीढ़ी के लोगों से अपनी तुलना करने की अनुमति देता है, यह पिछले 50 – 60 वर्षों में समाज की प्रगति को दर्शाता है कि इस अवधि के दौरान लोगों के मूल्यों और विश्वासों में कैसे बदलाव आया है।